गया सेंट्रल जेल से कॉल कर कुख्यात ने मांगा एक करोड़


अपराधी अंकुर चौबे ने एचयूआईवी कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक उज्ज्वल कुमार से की है डिमांड 

 टॉवर लोकेशन के आधार पर साहेबगंज थाने की पुलिस कर रही जांच 

गया। बिहार-झारखंड में गैस पाइपलाइन का कार्य करा रही एचयूआईवी कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक उज्ज्वल कुमार से एक करोड़ रुपये रंगदारी के लिए गया जेल से कुख्यात अंकुर चौबे कॉल कर रहा है। उसने उज्ज्वल के अलावा उनके भाई धीरेंद्र कुमार को भी रंगदारी के लिए कॉल की है। छह अक्टूबर को सुबह 8.11 बजे अंकुर चौबे की कॉल आयी। उसने गाली गलौज करते हुए रंगदारी में एक करोड़ रुपये की मांग की और रुपये नहीं मिलने पर हत्या की धमकी दी। उसने 15 दिन हत्या की डेडलाइन तय किया है। 

गया जेल में बंद दहेज हत्या का सजायाफ्ता अंकुर चौबे भी कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक उज्ज्वल के पैतृक गांव साहेबगंज थाना के बैरिया का ही निवासी है। साहेबगंज थानेदार सिकंदर कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मोबाइल कॉल डिटेल निकाली जा रही है। गया जेल में बंद अंकुर चौबे पर रंगदारी मांगने का आरोप है। जेल में उसे सिम कैसे पहुंचा? किसके नाम पर सिम ली गई है, इसकी जांच शुरू है। 

उज्ज्वल कुमार ने बताया कि रंगदारी के लिए लगातार कॉल आने से पूरा परिवार दहशत में था। अंकुर ने हत्या की डेडलाइन तय कर दी थी। इस मामले की पुलिस जांच कर रही थी कि बीबीगंज स्थित आवास में चोरी की गई। दोनों घटनाओं के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है कि शीघ्र ही मामले में पुलिस अंकुर के नेटवर्क से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करेगी। 

अंकुर के नेटवर्क का पता लगाने को सीसीटीवी खंगाल रही पुलिस

बीबीगंज के आनंदपुरी स्थित उज्ज्वल के घर में चोरी में शामिल अपराधियों पर गया जेल में बंद अंकुर चौबे से जुड़ाव की आशंका जताई गई है। इसके बाद सदर थाने की पुलिस बीबीगंज से लेकर आसपास के मोहल्लों में लगातार सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। अपराधियों के चिह्नित होने पर अंकुर चौबे के नेटवर्क की भी पुलिस को जानकारी होगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईयू की टीम को भी जांच के निर्देश दिए गए हैं। 

अंकुर ने पांच चिकित्सकों से रंगदारी मांग फैलाई थी सनसनी 

गया जेल में बंद अंकुर चौबे ने बीते साल शहर के पांच चिकित्सकों से रंगदारी मांगी थी। एक ही नंबर से सभी को कॉल की गई थी। रंगदारी नहीं मिलने पर जान मारने की धमकी दी गई थी। एक साथ पांच चिकित्सकों को रंगदारी के लिए हत्या की धमकी की कॉल आने से पुलिस महकमे खलबली मच गई थी। मुजफ्फरपुर से लेकर पटना और गया तक की पुलिस कार्रवाई में जुट गई थी। 

27 अक्टूबर 2020 की सुबह 10:30 बजे वाट्सएप कॉल कर मशहूर फिजिशियन डॉ. चंदन से दो लाख रुपये मांगे गए। उन्हें और उनके बच्चों की हत्या की धमकी दी थी। 28 अक्टूबर की सुबह डॉ. प्रणव को रंगदारी की कॉल आई और उसी दिन चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. सीबी कुमार से 50 लाख की रंगदारी मांगी गई। 29 अक्टूबर को मझौलिया निवासी पैथोलॉजिस्ट कुमार ललित को हत्या की धमकी देते हुए रंगदारी की कॉल आई थी। ललित को उसने कॉल कर कहा था कि ठाकुर बोल रहा हूं। रुपये नहीं मिले तो हत्या हो जाएगी। करजा के डॉ. आसिफ सिद्धकी से रंगदारी में 10 हजार रुपये पीएनबी के खाते में मंगाए गए थे। 

बैंक खाते में रुपये मंगाने से हुआ था चिह्नित 

करजा के डॉ. आसिफ सिद्दिकी से दस हजार रुपये बैंक खाता में ट्रांसफर कराने के कारण अंकुर की पहचान हो गई। इसी को आधार बना कर पुलिस मामले की तह तक पहुंची थी। जेल में अंकुर के साथ काको थाना के अमथुआ निवासी बबलू सिंह भी बंद है। बबलू ने अपने भाई चिंटू का बैंक खाता दिया था। इसी खाते पर रुपये मंगाए गए थे। अंकुर ने जिस मोबाइल नंबर से डॉक्टरों से रंगदारी मांगी थी, वह सिम गया के 80 वर्षीय कमाल खान के नाम पर 25 जून 2020 को गया के सानिया इलेक्ट्रॉनिक नामक दुकान से ली गई थी। पांचों डॉक्टरों से एक ही मोबाइल नंबर से वाट्सएप कॉल कर रंगदारी की मांग की गई थी। ब्रह्मपुरा थाना में तीन, सदर व करजा थाने में एक-एक प्राथमिकी हुई थी।

अंकुर की नहीं हुई अब तक पेशी 

पांच चिकित्सकों से रंगदारी मामले में चिह्नित हुए गया जेल में बंद अंकुर चौबे और बबलू सिंह का अब तक प्रोडक्शन नहीं कराया गया है। उसकी पेशी नहीं होने से सभी मामलों में जांच लंबित है। पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल नहीं की है। इससे रंगदारी मांगने के बाद भी अब तक अंकुर कानूनी कार्रवाई से बचा हुआ है। इस बीच अब उसने कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक को कॉल कर एक करोड़ रुपये रंगदारी की मांग की है।

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