औरंगाबाद में दलित परिवार को न्याय नहीं मिला तो और उग्र होगा आंदोलन : बसपा

  • प्रदर्शन करते बसपा के नेता और कार्यकतर्पा 

  •  मामला बिहार के औरंगाबाद में दलित नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का 
  • जिला मुख्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को धरना देकर किया प्रदर्शन
  •  माली थाने के खंभा मझौलिया गांव में 9 दिसंबर को दबंगों ने दिया घटना को अंजाम 
  • 27 दिसंबर को औरंगाबाद शहर को जाम कर डीएम का घेराव करने का किया आह्वान 

Jagran Prabhat: बिहार के औरंगाबाद जिले में 9 दिसंबर को घर में घुसकर एक दलित नाबालिग लड़की के साथ कुछ दबंग लड़कों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी। घर के सभी लोग खेत में काम करने गए थे। परिजनों की इसकी जानकारी हुई तो माली थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। दबंगों के दबाव में आकर पुलिस ने 9 दिसंबर को प्राथिमकी दर्ज नहीं की। मामला जब उग्र रूप लेने लगा तो मजबूरन 10 दिसंबर को प्राथिमकी दर्ज कर खानापूर्ति कर दी। अब तक किसी भी आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है। लोगों ने थानेदार को निलंबित करने की मांग की है।

बहुजन समाज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार  (20 दिसंबर) को औरंगाबाद जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। केंद्रीय बिहार प्रभारी अधिवक्ता सुरेश राव, अधिवक्ता एनपी अहिरवार, बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल चौधरी, प्रदेश महासचिव दिलीप कुमार, कुणाल किशोर, ब्यास मुनि दास, गया जिला प्रभारी अनंत कुमार, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. शिव बच्चन, अभय चौधरी और डॉ. घनश्याम गुप्ता ने धरना-प्रदर्शन में शामिल रहे। नेताओं ने नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या करने वालों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की।

धरने पर बैठे बसपा के नेता और कार्यकर्ता।
नेताओं ने कहा कि औरंगाबाद जिले के माली थाने के खंभा मझौलिया गांव में 9 दिसंबर को दलित नाबालिग लड़की पूजा कुमारी (15 वर्ष) के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। दुष्कर्म और हत्या करने वाले कोल्ह मंझौली गांव  के दीपू कुमार सिंह और विपुल कुमार सिंह हैं। परिजनों पर दाहसंस्कार जल्द करने का दबाव डाला गया। कुछ बुद्धिजीवियों के सुझबुझ से श्मशान के रास्ते से  शव को लौटाकर पोस्टमार्टम कराया। घटना की प्राथिमकी माली थाने में एक दिन बाद 10 दिसंबर को दर्ज की गई। मामले का रफा दफा करने के प्रयास में घटना के दिन प्राथिमकी दर्ज नहीं की गई। नेताओं ने आरोपितों की गिरफ्तारी सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर इस लड़ाई को और तेज करने व पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलने तक लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया है। 27 दिसंबर को पूरे औरंगाबाद शहर को जाम कर जिला पदाधिकारी का घेराव  करने की चेतावनी भी दी है। बसपा के केंद्रीय बिहार प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता नर्मदेश्वर प्रसाद अहिरवार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार में दलित उत्पीड़न की घटनाएं काफी बढ़ गई है। आए दिन राज्य के विभिन्न जिलों से सामूहिक दुष्कर्म, हत्या व मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। केंद्र व राज्य की सरकार चैन की निंद ले रही है। विपक्षी दल भी मूकदर्शक बने हैं। केंद्रीय बिहार प्रदेश प्रभारी अधिवक्ता सुरेश राव ने कहा कि जब-जब चुनाव आता है विभिन्न राजनीतिक दल के लोग बहुरुपिए का रूप धारण कर आते हैं और बहुजन समाज को झांसा देकर उनका वोट ले लेते हैं। जब मान-सम्मान और प्रतिष्ठा पर आंच आती है तो राजनीतिक दल पल्लू झाड़ लेते हैं। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने कहा कि दलित-आदिवासी-पिछड़े-अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो सारी सरकारी प्रक्रियाएं फेल हो जाती हैं और एक निर्भया कांड के लिए नये-नये सख्त कानून बना दिये जाते हैं। अब तक नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन को और उग्र बनाया जाएगा।धरने की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रेमचंद राम ने की व संचालन जिला उपाध्यक्ष खुर्शिद आलम ने किया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर प्राथिमकी दर्ज कर ली गई है। कोल्ह मंझौली गांव  के दीपू कुमार सिंह और विपुल कुमार सिंह को आरोपित बनाया गया है। गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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