एकजुटता से देश की राजनीति सत्ता पर बहुजनों का होगा कब्जा

शोषित-वंचित समाज के महानायक कांशीराम जयंती मनाते  बाएं से जिला महासचिव अभय कुमार चौधरी, जिला प्रभारी डॉ शिव बच्चन, प्रदेश महासचिव दिलीप कुमार, जिलाध्यक्ष अनंत कुमार, प्रदेश सचिव अशोक कुमार आनंद, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अजय कुमार।

Jagran Prabhat : बहुजनों की आशा की किरण और एकमात्र विकल्प बहुजन समाज पार्टी ही है।  इसी के झंडे तले एकजुट होकर देश की राजनीति सत्ता पर कब्जा की जा सकती है। क्योंकि बहुजनों द्वारा स्थापित अन्य कोई राष्ट्रीय राजनीतिक दल नहीं है। 

बहुजनों के मसीहा बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के जाने के 15 साल बाद उनका रुका हुआ कारवां आगे बढ़ाने व सोती हुई कौम को जगाने के लिए के लिए कांशीराम आगे आए।उन्होंने 1978 में अखिल भारतीय पिछड़ा (एससी/एसटी/ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय कर्ममचारी महासंघ (बामसेफ) और 1981 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4) और फिर 1984 में बहुजन समाज पार्टी की  स्थापना की। साइकिल से गांव-गांव घूमकर सोयी हुई बहुजन कौम उन्होंने जगाया। इस मिशन में उन्हें बड़ी कामयाबी भी हासिल हुई। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार बनायी। लंबे अरसे से लंबित मंडल कमीशन लागू कराने व बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारतरत्न दिलाने में अहम भूमिका निभाई। आज बहुजन समाज पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उक्त बातें बहुजन समाज पार्टी, गया जिला इकाई के तत्वावधान में 15 मार्च  (शनिवार) को आयोजित मान्यवर कांशीराम जयंती समारोह में वक्ताओं ने कही। 

काशीराम के चित्र पर माल्यार्पण करते जिला महासचिव अभय कुमार चौधरी

वक्ताओं ने कहा कि महान समाज सुधारक और शोषित-वंचित समाज के महानायक मान्यवर कांशीराम साहब का जन्म आज के ही दिन 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के खानपुर गांव में हुआ था। बुद्ध उपासक का जीवन व्यतीत करने वाले और अपना संपूर्ण जीवन सामाजिक न्याय और "बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय" के विचार को समर्पित ऐसे महामानव की जितनी भी चर्चा की जाए कम है। इस अवसर पर मान्यवर कांशीराम के कारवां को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया। समारोह की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष अनंत कुमार ने की। जयंती समारो में पार्टी के प्रदेश महासचिव दिलीप कुमार, जिला महासचिव अभय कुमार चौधरी, जिला प्रभारी डॉ. शिव बच्चन, जिलाध्यक्ष अनंत कुमार, प्रदेश सचिव अशोक कुमार आनंद, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अजय कुमार मौजूद थे। 


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