बिहार : दुष्कर्म के आरोप में गया के मुख्यालय डीएसपी सोमेश मिश्रा ने किया आत्मसमर्पण, भेजा गया जेल

Jagran Prabhat : भागलपुर व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार की अदालत ने दुष्कर्म कांड के आरोपित गया में तैनात मुख्यालय डीएसपी सोमेश कुमार मिश्रा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। वह न्यायालय में कई तिथियों से उपस्थित नहीं हो रहे थे। उनका बेल बांड रद कर उनके विरुद्ध वारंट जारी किया गया था। 

मामले में सूचक की तरफ से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा ने कोर्ट में उक्त डीएसपी के प्रभाव की जानकारी देते हुए डीजीपी के संज्ञान में मामला लाया था। पुलिस विभाग जब सख्त हुआ तो मंगलवार को डीएसपी सोमेश ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट में आरोपित की तरफ से दलील दी कि वह गया में डीएसपी हैं। पितृपक्ष मेले में ड्यूटी रहने के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रहे थे। लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय का मूल्यवान समय कई तिथियों में बर्बाद हो रहा था। न्यायाधीश ने सूचक की तरफ से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा, बचाव पक्ष की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता अजय सिन्हा की दलीलें सुनने के बाद डीएसपी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। इस केस में आरोप गठन की कवायद 17 फरवरी 2025 को पूरी की जानी है। सुनवाई में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण डीएसपी सोमेश का बेल बांड गत वर्ष 30 जुलाई को रद कर वारंट जारी कर दिया गया था।

करीबी युवती से दुष्कर्म करने के आरोप में बतौर प्रशिक्षु डीएसपी सोमेश मिश्रा के विरुद्ध 20 मार्च 2020 को भागलपुर महिला थाने में केस दर्ज कराया था। उस केस में सोमेश को झारखंड के साहेबगंज से गिरफ्तार किया गया था। है। वह पीड़िता से लगातार यौन शोषण कर रहा था। तत्कालीन सिटी एएसपी पूरण कुमार झा की निगरानी में तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी को साहिबगंज रेलवे क्वार्टर से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित मूल रूप से झारखंड के गोड्डा का रहने वाला है।

पीड़ित लड़की ने पुलिस को तब दर्ज केस में जानकारी दी थी कि जब सोमेश दिल्ली में था तभी उसे पास बुलाया था। वहां उसके साथ गलत काम किया और उसका वीडियो भी बना लिया। उसी के सहारे ब्लैकमेल और यौन शोषण कर रहा था। दुष्कर्म की घटना बाद पीड़िता की शादी हो गई। वह जाब करने लगी। सोमेश वहां भी उसे धमकी देने के लिए पहुंच गया था। उसकी हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने पुलिस से शिकायत की थी। जब पुलिस मुख्यालय स्तर से इसकी जांच कराई गई तो जांच में आरोप सत्य पाया गया। पुलिस मुख्यालय ने सोमेश को निलंबित कर दिया था। तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने तब पीड़िता की गुहार सुन डीएसपी के विरुद्ध सख्त कदम उठाया था।

 



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